प्रदेश के महानगरों के उच्च शिक्षा केन्द्रों में प्रवेशार्थियों की उत्तरोत्तर बढ़ती संख्या को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा झाँसी नगर में छात्राओं की उच्च शिक्षा के लिए राजकीय महाविद्यालय खोलने का शासनादेश संख्या - 1978/15-17-96-70 (61)/96. दिनांक 19/06/1996 निर्गत किया गया ।
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित औपचारिकताओं की पूर्ति के उपरान्त महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर कला एवं वाणिज्य संकाय की कक्षायें आरम्भ करने की अनुमति प्रदान की गई । तदोपरान्त बुन्देलखण्ड क्षेत्र की छात्राओं का परास्नातक शिक्षा ग्रहण करने के प्रति रूझान को देखते हुए उ.प्र. सरकार द्वारा महाविद्यालय में कला संकाय में परास्नातक कक्षाओं के संचालन हेतु शासनादेश सं०-169/सत्तर -5-2016-70 (32)/2014 लखनऊ दिनांक 14/01/2016 निर्गत किया गया । यह महाविद्यालय बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी से स्थायी सम्बद्धता प्राप्त है ।
वर्तमान में महाविद्यालय में B.A. (हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, संस्कृत साहित्य, इतिहास,
राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र, शिक्षाशास्त्र, गृहविज्ञान, संगीत (गायन), अर्थशास्त्र, शारीरिक शिक्षा एवं मनोविज्ञान) B.Com. एवं M.A. (हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, शिक्षाशास्त्र, समाजशास्त्र, इतिहास एवं राजनीतिशास्त्र) की कक्षायें संचालित है । महाविद्यालय UGC एक्ट 1956 के 12 (B) एवं 2 (f) सेक्शन के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त है । महाविद्यालय राष्ट्रीय मूल्याकन एवं प्रत्यायन परिषद् (NAAC) द्वारा मूल्यांकित एवं B ग्रेड प्राप्त है । महाविद्यालय में आठ शिक्षण कक्ष, एक कम्प्यूटर कक्ष, पुस्तकालय, वाचनालय, प्राचार्य कक्ष, कार्यालय, छात्रा सामान्य कक्ष, क्रीड़ाकक्ष, एन.एस.एस. कक्ष, परीक्षा कक्ष, प्राध्यापक कक्ष, सभागार के अतिरिक्त गृह विज्ञान एवं संगीत की सुसज्जित प्रयोगशाला है ।
विविध विषयों में निष्ठावान विद्वजनों से सुसज्जित यह महाविद्यालय दिन-प्रतिदिन अपने विद्यार्थियों के साथ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवीन प्रतिमान स्थापित कर रहा है । महाविद्यालय की छात्राओं के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास हेतु विभिन्न सह-शैक्षणिक क्रियाकलापों का आयोजन किया जाता है । जिनके माध्यम से छात्राओं को देश की सांस्कृतिक विविधता, गौरवशाली विरासत एवं बदलते सामाजिक परिवेश से परिचित कराया जाता है । छात्राओं की बौद्धिक कुशलता के विकास हेतु नियमित शिक्षण के साथ-साथ विचार गोष्ठी राष्ट्रीय महत्व के समसामाजिक विषयों पर परिचर्चायें राष्ट्रीय दिवसों का आयोजन, प्रसार व्याख्यान आदि की व्यवस्था की जाती है । विभागीय एवं सांस्कृतिक परिषद् के तत्वावधान में छात्रायें भाषण, निबन्ध लेखन, कविता लेखन, वाद-विवाद, पोस्टर निर्माण आदि के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करती हैं ।
महाविद्यालय में छात्राओं के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है । एन. एस . एस . इकाई के माध्यम से छात्राओं में देश व समाज के प्रति सेवाभाव उत्पन्न किया जाता है । अनुशासन समिति विद्यार्थियों को अनुशासित कर. आत्मानुशासन के लिए प्रेरित करती है । इन सभी विशेषताओं के कारण ही महाविद्यालय ने शिक्षा जगत में यश अर्जित करके महत्वपूर्ण स्थान बनाया है ।.